कलेक्टर ने शराब दुकान बंद करने के आदेश दिए, अपर मुख्य सचिव एडवाइजरी जारी कर बोले- हर चीज बंद नहीं हो सकती

कोरोना को फैलने से रोकने के लिए इंदौर सहित मध्य प्रदेश के कई जिले पूरी तरह से लॉकडाउन घोषित हो गए हैं। केवल आवश्यक वस्तु को छोड़कर सभी दुकानें बंद करने के आदेश जारी हो गए। शराब दुकानों को भी बंद करने के आदेश आए, लेकिन 2 घंटे बाद ही वाणिज्यिक कर विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) आईसीपी केशरी ने सभी कलेक्टरों को 9 बिंदुओं की एडवाइजरी जारी कर दी। इसमें कलेक्टरों से शराब दुकान पर काम  करने वाले कर्मचारियों को जागरूक करने की सलाह दे दी कि वह हाईजीन तरीके से मास्क लगाकर और दस्ताने पहनकर ड्यूटी करें।


यानी, शराब की बिक्री करें। वहीं, दुकानों के बाहर उपभोक्ता सामाजिक दूरी बनाकर खड़े हों। इसके लिए तय दूरी पर  चोकोर बॉक्स के निशान लगाए जाएं। जहां वह खडे़ होकर शराब खरीदें। यह दुकानें दोपहर 12 से पांच बजे तक खोली जाएं। 



एडवाइजरी में लिखा है कि आदतन शराब पीने वाले वैध शराब नहीं मिलने पर जहरीली शराब, नशीला पदार्थ आदि ले सकते हैं। इसलिए स्थानीय परिस्थिति देखकर कलेक्टर फैसला करें और दुकान बंद होने के पीछे कारणों का भी उल्लेख करें। यह एडवाइजरी जारी होने के पीछे मुख्य कारण शराब ठेके लेने वाले सिंडिकेट का दबाव बताया जा रहा है। इस सिंडिकेट ने इस बार इंदौर जिले में ही मिलकर 26 फीसदी अधिक बोली लगाकर 1165 करोड़ रुपए में यह दुकानें खरीदी हैं। बीते साल यह राशि 924 करोड़ रुपए ही थी।